घर में बाथरूम और बेडरूम का विशेष महत्व
होता है। इन दोनों की ऊर्जाओं का आपस में मिलना शुभ नहीं होता है। क्योंकि बेडरूम
में सकारात्मक ऊर्जा का वास रहता है और बाथरूम में नकारात्मक ऊर्जा भ्रमण करती
रहती है। इन दोनों के आपस में मिलने से घर में दद्रिता बनी रहती है एंव परिवार के
लोगों का आये दिन स्वास्थ्य खराब रहता है। अतः प्रयास करना चाहिए कि बाथरूम की
ऊर्जा बेडरूम या घर के अन्य स्थानों में प्रवेश नहीं करनी चाहिए।
*यदि बाथरूम का दरवाजा बेडरूम में खुलता हो तो उसे खुला रखने से बचना चाहिए। वैसे तो बेडरूम में बाथरूम नहीं होना चाहिए। अगर फिर भी बेडरूम में बाथरूम है तो उसके दरवाजे पर पर्दा लगाना चाहिए।
*यदि बाथरूम का दरवाजा बेडरूम में खुलता हो तो उसे खुला रखने से बचना चाहिए। वैसे तो बेडरूम में बाथरूम नहीं होना चाहिए। अगर फिर भी बेडरूम में बाथरूम है तो उसके दरवाजे पर पर्दा लगाना चाहिए।
*अगर बेडरूम में बाथरूम भी बना है तो बेडरूम के
अन्दर एक बॉस का पोधा रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं पड़ता है।
*यदि आप-अपने बाथरूम में एक कटोरी खड़ा नमक रखेंगे तो आपके बाथरूम का वास्तु दोष समाप्त हो जायेगा। कटोरी में रखें नमक को महीने में एक बार बदलना जरूरी होता है।
*घर मे बाथरूम का नल या किसी अन्य स्थान नल लगातार टपके तो इसे भी एक गंभीर वास्तु दोष माना जाता है। पाने के बेवजह बर्बाद होने से रोकने से वास्तु समस्यायें खत्म होती है।
*यदि आपके बाथरूम में शीशा लगा हुआ है तो इस बात का ध्यान रखें कि शीशा दरवाजे के ठीक सामने न हो। ऐसा होने पर जब-जब बाथरूम का दरवाजा खुलता है, तब-तब घर की नकारात्मक ऊर्जा पुनः घर में प्रवेश कर जाती है। ऐसे में यदि दरवाजे के ठीक सामने दर्पण होगा तो दर्पण से टकराकर नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश कर जायेगी।
*घर के बाथरूम को एकदम साफ-सुथरा रखना चाहिए। बाथरूम के स्वच्छ होने पर घर की आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहती है।
*इस बात पर विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बाथरूम और कमरे के फर्श के बीच में दूरी अवश्य होनी चाहिए। इन दोनों के बीच दूरी रखने के लिए थोड़ी ऊॅची दहलीज बनानी चाहिए। दहलीज न होने से बाथरूम का दरवाजा बन्द होने पर भी नकारात्मक ऊर्जा घर में फैल जाती है और जब दहलीज होती है तो बाथरूम के नीचे खाली स्पेश नहीं रह जाता जिससे बाथरूम की नकारात्मक ऊर्जा घर में नहीं फैल पाती है।
*बाथरूम में पानी का बहाव उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि घर में बाथरूम दक्षिण/पश्चिम या नैऋृत्य कोण में होना चाहिए।
*सभी विद्युत उपकरण गीजर आदि बाथरूम के आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में होने चाहिए। *बाथरूम में एक बड़ी खिड़की व एक्जास्ट फैन के लिए अलग से रोशन होना चाहिए। बाथरूम में गहरे रंग की टाइल्स न लगाकर हल्के रंग की टाइल्स का उपयोग करना चाहिए।
*यदि आप-अपने बाथरूम में एक कटोरी खड़ा नमक रखेंगे तो आपके बाथरूम का वास्तु दोष समाप्त हो जायेगा। कटोरी में रखें नमक को महीने में एक बार बदलना जरूरी होता है।
*घर मे बाथरूम का नल या किसी अन्य स्थान नल लगातार टपके तो इसे भी एक गंभीर वास्तु दोष माना जाता है। पाने के बेवजह बर्बाद होने से रोकने से वास्तु समस्यायें खत्म होती है।
*यदि आपके बाथरूम में शीशा लगा हुआ है तो इस बात का ध्यान रखें कि शीशा दरवाजे के ठीक सामने न हो। ऐसा होने पर जब-जब बाथरूम का दरवाजा खुलता है, तब-तब घर की नकारात्मक ऊर्जा पुनः घर में प्रवेश कर जाती है। ऐसे में यदि दरवाजे के ठीक सामने दर्पण होगा तो दर्पण से टकराकर नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश कर जायेगी।
*घर के बाथरूम को एकदम साफ-सुथरा रखना चाहिए। बाथरूम के स्वच्छ होने पर घर की आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहती है।
*इस बात पर विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बाथरूम और कमरे के फर्श के बीच में दूरी अवश्य होनी चाहिए। इन दोनों के बीच दूरी रखने के लिए थोड़ी ऊॅची दहलीज बनानी चाहिए। दहलीज न होने से बाथरूम का दरवाजा बन्द होने पर भी नकारात्मक ऊर्जा घर में फैल जाती है और जब दहलीज होती है तो बाथरूम के नीचे खाली स्पेश नहीं रह जाता जिससे बाथरूम की नकारात्मक ऊर्जा घर में नहीं फैल पाती है।
*बाथरूम में पानी का बहाव उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि घर में बाथरूम दक्षिण/पश्चिम या नैऋृत्य कोण में होना चाहिए।
*सभी विद्युत उपकरण गीजर आदि बाथरूम के आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में होने चाहिए। *बाथरूम में एक बड़ी खिड़की व एक्जास्ट फैन के लिए अलग से रोशन होना चाहिए। बाथरूम में गहरे रंग की टाइल्स न लगाकर हल्के रंग की टाइल्स का उपयोग करना चाहिए।
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